Monday, December 2, 2019

श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह

श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी

 करनाल 12 नवंबर. देशभर में स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ व अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जैसे संगठनों के संस्थापक श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्म शताब्दी के कार्यकर्मो की श्रंखला का प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम  का आज डॉक्टर मंगलसेन स्मृति सभागार करनाल में उत्साह पूर्वक उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ व अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जैसे संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी व सैकड़ों कार्यकर्ता पूरे प्रदेश से एकत्रित हुए.


  मंच पर उपस्थित सम्मानित अधिकारीगण



 भारत माता  तथा श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के चित्र पर पुष्पांजलि  व दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ. अतिथियों के परिचय एवं स्वागत के पश्चात भारतीय किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री श्री सुरेंद्र सिंह जी ने ठेंगड़ी जी के जीवन परिचय के साथ उनके जीवन की विशेष घटनाओं का उल्लेख किया.

 श्री रामदास पांडे, संगठन मंत्री उत्तर क्षेत्र, भारतीय मजदूर संघ, ने दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन और कुछ विशेष घटनाओं पर प्रकाश डाला.  श्री रामदास पांडे जी अपने जीवनकाल में लगभग 40 वर्ष तक श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के निजी सचिव रहे. ने बताया कि श्रद्धेय ठेंगड़ी जी  के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के साथअत्यंत निकट संबंध रहे और श्रद्धेय दत्तोपंत जी ने अंबेडकर जी के चुनाव संयोजक के रूप में भी कार्य किया. श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी विभिन्न विपरीत विचारधारा वाले नेताओं जैसे श्रीपद डांगे, इंद्रजीत गुप्ता इत्यादि के साथ भी आत्मिक संबंध रहे और आजीवन संबंध निभाए. श्रद्धेय ठेंगड़ी जी भारतीय सामाजिक जीवन में ऐसे निर्विवाद  कार्यकर्ता रहे जिनका विरोधी संगठनों में अत्यंत सम्मान था.


 मंच पर उपस्थित सम्मानित अधिकारीगण


 कार्यक्रम के मुख्य वक्ता  श्रीमान सतीश कुमार, अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख, स्वदेशी जागरण मंच, ने कहा कि कोई व्यक्ति तत्वदर्शी , संगठक और कार्यकर्ता भी हो यह अत्यंत दुर्लभ घटना होती है.श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ऐसे समस्त गुणों से ओतप्रोत दुर्लभ व्यक्तित्व थे. जिन्होंने विश्व साहित्य, वाद, इतिहास, अर्थशास्त्र और राजनीति में विद्वता प्राप्त की थी . इतना ही नहीं पूरे विश्व को राष्ट्रवाद आधारित आर्थिक सामाजिक विचार का प्रतिपादन किया साथ ही भारतीय भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच व भारतीय किसान संघ, ग्राहक पंचायत, विद्यार्थी परिषद व अन्य संगठनों की स्थापना कर कुशल संगठक के रूप में प्रमाणित कार्य किया और इन संगठनों का अपने अपने क्षेत्र में देश का प्रथम क्रमांक का संगठन बनाया.

श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी  में सरलता एवं सहजता ऐसी थी कि साधारण से साधारण कार्यकर्ता के साथ साधारण तरुण के साथ तरुण व बुद्धिजीवियों के साथ बुद्धिजीवी बन जाते थे. उनका व्यक्तित्व देश में लाखों कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत था, वे दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे और विभिन्न समितियों के सदस्य के रूप में विश्व के अनेक देशों में अपनी विद्वता की छाप छोड़ी. उनके अप्रतिम योगदान को देखते हुए उन्हें पदम भूषण हेतु नामित किया गया किंतु उन्होंने विनम्रता से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जब तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार एवं द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरु जी को यह सम्मान नहीं दिया जाता तब तक वे स्वयं इसे ग्रहण नहीं कर सकते.


  डॉक्टर मंगलसेन सभागार में उपस्थित श्रोता

 अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर देव प्रसाद भारद्वाज, जो इस जन्म शताब्दी समारोह समिति हरियाणा के भी अध्यक्ष हैं ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को आह्वान किया कि इस आगामी वर्ष में श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी के जीवन कार्य को सर्व समाज तक लेकर जाएं यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश सैनी जी ने अंत में सब का आभार व्यक्त किया.


निमंत्रण पत्र

 मंच संचालन श्रीमान सतेंद्र सरोज जी प्रांत  संयोजक स्वदेशी जागरण मंच व श्री हनुमान जी ने किया. इस अवसर पर करनाल विधान करनाल लोकसभा क्षेत्र के सांसद संजय भाटिया, डॉक्टर ओम प्रकाश अरोड़ा, स्वदेशी जागरण मंच के उत्तर भारत संयोजक श्री विजय वत्स, श्री बलराम जी नंदवानी, जंग बहादुर, दलपत कादयान, मेजर करतार सिंह ,स्वदेशी जागरण मंच करनाल के जिला संयोजक दुलीचंद कालीरमन, जिला सह संयोजक सिकंदर सैनी, संदीप, विकास महंत, विभाग संयोजक व प्रांत सह संयोजक सोमनाथ उपस्थित रहे ,



कुछ मीडिया रिपोर्ट्स




कुछ मीडिया रिपोर्ट्स




कुछ मीडिया रिपोर्ट्स




कुछ मीडिया रिपोर्ट्स




Thursday, August 29, 2019

आदरणीय प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन

आदरणीय प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन


स्वदेशी जागरण मंच

आदरणीय प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन

 आदरणीय प्रधानमंत्री
 भारत सरकार, नई दिल्ली

 द्वारा--श्रीमान जिलाधिकारी-करनाल

             हम जिला करनाल प्रांत हरियाणा के नागरिकों की ओर से आपको निवेदन कर रहे हैं कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35A को हटाकर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटते हुए संसद में प्रस्ताव पारित किया और राष्ट्रपति जी ने उसका अनुमोदन कर दिया हैI  किंतु चीन भारत के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान के साथ लगातार हस्तक्षेप करने की कोशिश करता रहा है I  इस बार भी जब पाकिस्तान द्वारा इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का प्रयास किया गया तो चीन ने भी फिर से उसका समर्थन कियाI   चीनी टेलीकॉम कंपनियां जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ठेके लेकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैंI  टिकटॉक एवं हेलो सरीखे कई एप्लीकेशन के माध्यम से जम्मू कश्मीर के युवाओं के मन मस्तिष्क को दूषित भी कर सकती हैंI   ऐसे में चीनी कंपनियों को 12 13 एवं 14 अक्टूबर  2019 जम्मू कश्मीर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टमेंट सम्मिट में सम्मिलित नहीं किया जावेI

           चीनी कंपनियां भारत में सस्ती मशीनरी उपकरण, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता वस्तुओं का निर्यात कर भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा कर हमारे छोटे बड़े उद्योगों को चौपट करने के  साथ साथ बड़ी संख्या में हमारे युवाओं को बेरोजगार बना रही हैंI इस कारण स्वदेशी जागरण मंच द्वारा लगातार चीनी सामान और चीनी कंपनियों के बहिष्कार का आह्वान किया जाता रहा हैI स्वदेशी जागरण मंच के प्रयासों के कारण न केवल चीनी सामान का बहिष्कार  अब जनता द्वारा किया जाने लगा है  बल्कि सरकार ने भी चीनी सामानों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी, उंचे आयात शुल्क, काउंटरवेलिंग ड्यूटी और मानक लगाकर चीन से आयातो को भी रोका हैI

           स्वदेशी जागरण मंच समस्त देशवासियों की ओर से सरकार से यह मांग करता है कि:-

  1. चीनी कंपनियों को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निवेश  से रोका जाए I
  2.  जम्मू कश्मीर केंद्रशासित क्षेत्र में  भारतीय कंपनियों में भी किसी भी प्रकार के चीन के निवेश को प्रतिबंधित किया जाए I




स्वदेशी जागरण मंच ने सौंपा चीन के विरुद्ध प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन

करनाल-29 अगस्त, स्वदेशी जागरण मंच करनाल के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नाम अपना ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा है जिसमें यह मांग की है कि जम्मू कश्मीर में 12 से 14 अक्टूबर 2019 को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टमेंट सम्मिट में चीनी कंपनियों को किसी भी प्रकार के निवेश से रोका जाए तथा केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर में कार्यरत भारतीय कंपनियों में भी चीनी निवेश को प्रतिबंधित किया जाएI  चीन भारत के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान के साथ लगातार हस्तक्षेप करने की कोशिश करता रहा है I  इस बार भी जब पाकिस्तान द्वारा इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का प्रयास किया गया तो चीन ने भी फिर से उसका समर्थन कियाI   चीनी टेलीकॉम कंपनियां जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ठेके लेकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैंI  टिकटॉक एवं हेलो सरीखे कई एप्लीकेशन के माध्यम से जम्मू कश्मीर के युवाओं के मन मस्तिष्क को दूषित भी कर सकती हैंI   ऐसे में चीनी कंपनियों को 12 13 एवं 14 अक्टूबर  2019 जम्मू कश्मीर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टमेंट सम्मिट में सम्मिलित नहीं किया जावेI

चीनी कंपनियां भारत में सस्ती मशीनरी उपकरण, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता वस्तुओं का निर्यात कर भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा कर हमारे छोटे बड़े उद्योगों को चौपट करने के  साथ साथ बड़ी संख्या में हमारे युवाओं को बेरोजगार बना रही हैंI इस कारण स्वदेशी जागरण मंच द्वारा लगातार चीनी सामान और चीनी कंपनियों के बहिष्कार का आह्वान किया जाता रहा हैI स्वदेशी जागरण मंच के प्रयासों के कारण न केवल चीनी सामान का बहिष्कार  अब जनता द्वारा किया जाने लगा है  बल्कि सरकार ने भी चीनी सामानों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी, उंचे आयात शुल्क, काउंटरवेलिंग ड्यूटी और मानक लगाकर चीन से आयातो को भी रोका हैI

स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक दुलीचंद कालीरमन ने कहा कि चीन केवल आर्थिक चोट को समझता है इसलिए हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह चीनी सामान का बहिष्कार करें ताकि विश्व व्यापार युद्ध में आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके चीन  की अकल ठिकाने लाई जा सके| हमें ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए ताकि देश के उद्योग विकसित हो सके और रोजगार के नए मौके उत्पन्न हो सकेI इस अवसर पर डॉ ओमपाल चौधरी, विकास महंत, रविंदर सिंह, प्रकाश पाटिल, सिकंदर सैनी तथा  कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहेI




Wednesday, June 26, 2019

वालमार्ट के काले कारनामे

वालमार्ट के काले कारनामे 



22 जून 2019 को भारत के कुछ अखबारों में एक खबर अंदर के पृष्ठों में छपी थी कि अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट पर 282 मिलीयन डॉलर का जुर्माना अमेरिकी सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन द्वारा लगाया गया है |वॉलमार्ट कंपनी पर यह आरोप है कि उसने अपने व्यापार को भारत, चीन, ब्राजील और मैक्सिको में बढ़ाने के लिए अपनी एक सहायक  कंपनी के माध्यम से इन देशों की सरकारों में बैठे निर्णायक व्यक्तियों को रिश्वत दी गई और वॉलमार्ट कंपनी को अमरीकी फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (एफसीपीए) के अंतर्गत दोषी पाया गया | वालमार्ट कंपनी ने यह खुद स्वीकार किया था कि वर्ष 2008 से लेकर 2012 तक उसने 25 मिलियन डालर भारत में अपने बाज़ार को आगे बढाने के लिए लाबिंग पर खर्च किये थे

भारत में उस समय डॉ मनमोहन सिंह के नेत्र्तव में यूपीए की सरकार थी | उस दौर में गठबंधन सरकार द्वारा भ्रष्टाचार की खुली छुट दी जा रही थी | चाहे वह टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी के रूप में हो या कोयले की खदान खदानों की नीलामी में | चूँकि गठबंधन की सरकार थी और उसका नेतृत्व मनमोहन सिंह जैसा ईमानदार लेकिन राजनीतिक तौर पर कमजोर व्यक्ति कर रहा था जिसके हाथ में निर्णय क्षमता नहीं थी और इतिहास साक्षी रहा है कि जब जब केंद्र में गठबंधन की कमजोर सरकार होती हैं तो सत्ता का दुरुपयोग कई गुना बढ़ जाता है | तात्कालीन सरकार  ने कई बार इस प्रकार की कोशिश की कि खुदरा बाजार में विदेशी कंपनियों के लिए यह बाजार खोल दिया जाए लेकिन कई व्यापारिक संगठनों और सामाजिक संगठनों द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया गया |

वालमार्ट भारत में भारती कंपनी के साथ 50:50  प्रतिशत के संयुक्त उपक्रम 2007 से अपना व्यापार चला रही है | लेकिन इस उपक्रम को सिर्फ होलसेल स्टोर संचालित करने की ही अनुमति है | अगर इसे खुदरा क्षेत्र में व्यापार की इजाजत दी गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे | जैसा कि हमें पता है कि अमेरिका में ब्याज की दरें बहुत सस्ती है | वालमार्ट भी अमेरिका की सबसे लाभ कमाने वाली कंपनी है | इतनी अथाह पूंजी के साथ अगर यह भारतीय खुदरा बाज़ार में उतरी तो इसके सामने भारतीय छोटा खुदरा व्यापारी टिक नहीं पायेगा | छोटे खुदरा व्यापारी को पूंजी की व्यवस्था भी 10 से 12 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध हो पाती है जिससे उसकी व्यापार लागत भी बढ़ जाएगी |

स्वदेशी जागरण मंचखुदरा बाजार में मल्टी नेशंस कंपनी का शुरू से ही विरोध करता रहा है | क्योंकि यह सेक्टर भारत की जीडीपी का 23.6 प्रतिशत योगदान करता है | रोज़गार के क्षेत्र में भी रिटेल सेक्टर का योगदान 9 .8 प्रतिशत है | पिछले दिनों वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा इस बारे में एक वक्तव्य जारी किया गया है कि भारत में मल्टी ब्रांड रिटेल के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को लाइसेंस नहीं दिया जाएगा | स्वदेशी जागरण मंच इसका स्वागत करता है

 भारत की युवा जनसंख्या रोजगार की कमी से जूझ रही है | हाल ही में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारों की दर पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा दर्ज की गई है | जाहिर है कि खुदरा बाजार भारत में रोजगार मुहैया कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और इसमें अभी भी असीमित संभावनाएं हैं क्योंकि यह सेक्टर 20 से 25 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है | यह 2020 तक 1.3 ट्रिलियन डोलर तक पहुँच सकता है

वालमार्ट रिटेल सेक्टर की विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है जिसके 27 देशों में 10000 स्टोर है | इसके  2.2 मिलियन  कर्मचारी है लेकिन वालमार्ट कंपनी अपने कर्मचारियों को बाकी खुदरा बाज़ार की कंपनियों की तुलना में 12.4 प्रतिशत तक कम वेतन देने के लिए कुख्यात है | वालमार्ट का सालाना टर्नओवर और लाभांश बहुत बड़ी मात्रा में होता है ऐसे में ये कंपनियां विदेशों में अपनी मनपसंद पॉलिसी में फेरबदल करवा कर और कभी कभी तो वहां की सरकारों को भी अपने हाथों खेलने के लिए मजबूर कर देती हैं | रिश्वत के माध्यम से ब्लैकमेल करने का कार्य भी करती है | उपरोक्त मामले में भी वॉलमार्ट कंपनी को अपनी तरफ से सफाई देने का पूरा मौका दिया गया था लेकिन वॉलमार्ट ने केस लड़ने की बजाय अमेरिकी प्रशासन को हर्जाने के तौर पर 282 मिलीयन डॉलर देकर मामले को रफा-दफा करना ही मुनासिब समझा अन्यथा अगर इस केस की तह में जाया जाए तथा ठीक प्रकार से इसकी पड़ताल की जाए तो भारत जैसे देश में कई शीर्ष पदों पर विराजमान तत्कालीन मंत्री और सचिव स्तर के नेता और अधिकारी इसमें शामिल पाए जा सकते थे

भारत का -कॉमर्स बाज़ार तो 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है | वालमार्ट ने भारतीय -कॉमर्स कंपनी फ्लिप्कार्ट का अधिग्रहण मई 2018 में कर लिया था  | लेकिन बाज़ार से अन्य छोटी -कॉमर्स (स्वदेशी) कंपनियों को बाहर करने के लिए कई प्रकार की रियायते और डिस्काउंट देने शुरू कर दिए थे

भारत सरकार ने नई -कॉमर्स पालिसी बनाकर कुछ नियंत्रण का प्रयास किया है लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के माध्यम से व्यापार-युद्ध की छाया में ऐसी भीमकाय अमेरिकी कंपनियां लोबिंग (भ्रष्टाचार ) से  भारतीय खुदरा और -कॉमर्स बाज़ार पर कब्ज़ा करना चाहेंगी | नरेंदर मोदी सरकार और व्यापारी संगठनों को इसके लिए सचेत और जागरूक रहने की आवश्यकता है |


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