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श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी |
करनाल 12 नवंबर. देशभर में स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ व अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जैसे संगठनों के संस्थापक श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्म शताब्दी के कार्यकर्मो की श्रंखला का प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आज डॉक्टर मंगलसेन स्मृति सभागार करनाल में उत्साह पूर्वक उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ व अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जैसे संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी व सैकड़ों कार्यकर्ता पूरे प्रदेश से एकत्रित हुए.
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मंच पर उपस्थित सम्मानित अधिकारीगण
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भारत माता तथा श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के चित्र पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ. अतिथियों के परिचय एवं स्वागत के पश्चात भारतीय किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री श्री सुरेंद्र सिंह जी ने ठेंगड़ी जी के जीवन परिचय के साथ उनके जीवन की विशेष घटनाओं का उल्लेख किया.
श्री रामदास पांडे, संगठन मंत्री उत्तर क्षेत्र, भारतीय मजदूर संघ, ने दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन और कुछ विशेष घटनाओं पर प्रकाश डाला. श्री रामदास पांडे जी अपने जीवनकाल में लगभग 40 वर्ष तक श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के निजी सचिव रहे. ने बताया कि श्रद्धेय ठेंगड़ी जी के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के साथअत्यंत निकट संबंध रहे और श्रद्धेय दत्तोपंत जी ने अंबेडकर जी के चुनाव संयोजक के रूप में भी कार्य किया. श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी विभिन्न विपरीत विचारधारा वाले नेताओं जैसे श्रीपद डांगे, इंद्रजीत गुप्ता इत्यादि के साथ भी आत्मिक संबंध रहे और आजीवन संबंध निभाए. श्रद्धेय ठेंगड़ी जी भारतीय सामाजिक जीवन में ऐसे निर्विवाद कार्यकर्ता रहे जिनका विरोधी संगठनों में अत्यंत सम्मान था.
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मंच पर उपस्थित सम्मानित अधिकारीगण
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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्रीमान सतीश कुमार, अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख, स्वदेशी जागरण मंच, ने कहा कि कोई व्यक्ति तत्वदर्शी , संगठक और कार्यकर्ता भी हो यह अत्यंत दुर्लभ घटना होती है.श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ऐसे समस्त गुणों से ओतप्रोत दुर्लभ व्यक्तित्व थे. जिन्होंने विश्व साहित्य, वाद, इतिहास, अर्थशास्त्र और राजनीति में विद्वता प्राप्त की थी . इतना ही नहीं पूरे विश्व को राष्ट्रवाद आधारित आर्थिक सामाजिक विचार का प्रतिपादन किया साथ ही भारतीय भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच व भारतीय किसान संघ, ग्राहक पंचायत, विद्यार्थी परिषद व अन्य संगठनों की स्थापना कर कुशल संगठक के रूप में प्रमाणित कार्य किया और इन संगठनों का अपने अपने क्षेत्र में देश का प्रथम क्रमांक का संगठन बनाया.
श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी में सरलता एवं सहजता ऐसी थी कि साधारण से साधारण कार्यकर्ता के साथ साधारण तरुण के साथ तरुण व बुद्धिजीवियों के साथ बुद्धिजीवी बन जाते थे. उनका व्यक्तित्व देश में लाखों कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत था, वे दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे और विभिन्न समितियों के सदस्य के रूप में विश्व के अनेक देशों में अपनी विद्वता की छाप छोड़ी. उनके अप्रतिम योगदान को देखते हुए उन्हें पदम भूषण हेतु नामित किया गया किंतु उन्होंने विनम्रता से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जब तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार एवं द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरु जी को यह सम्मान नहीं दिया जाता तब तक वे स्वयं इसे ग्रहण नहीं कर सकते.
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डॉक्टर मंगलसेन सभागार में उपस्थित श्रोता |
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर देव प्रसाद भारद्वाज, जो इस जन्म शताब्दी समारोह समिति हरियाणा के भी अध्यक्ष हैं ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को आह्वान किया कि इस आगामी वर्ष में श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी के जीवन कार्य को सर्व समाज तक लेकर जाएं यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश सैनी जी ने अंत में सब का आभार व्यक्त किया.
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निमंत्रण पत्र |
मंच संचालन श्रीमान सतेंद्र सरोज जी प्रांत संयोजक स्वदेशी जागरण मंच व श्री हनुमान जी ने किया. इस अवसर पर करनाल विधान करनाल लोकसभा क्षेत्र के सांसद संजय भाटिया, डॉक्टर ओम प्रकाश अरोड़ा, स्वदेशी जागरण मंच के उत्तर भारत संयोजक श्री विजय वत्स, श्री बलराम जी नंदवानी, जंग बहादुर, दलपत कादयान, मेजर करतार सिंह ,स्वदेशी जागरण मंच करनाल के जिला संयोजक दुलीचंद कालीरमन, जिला सह संयोजक सिकंदर सैनी, संदीप, विकास महंत, विभाग संयोजक व प्रांत सह संयोजक सोमनाथ उपस्थित रहे ,
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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स
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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स
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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स
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