Thursday, January 31, 2019

13 वां राष्ट्रीय सम्मेलन, मदुरै

विषयः 13 वां राष्ट्रीय सम्मेलन, मदुरै- तमिलनाडू (18-20 जनवरी 2019) की कार्यवाही एवं लिए गए निर्णय




मान्यवर,

दिनांक 18 जनवरी 2019 को स्वदेशी जागरण मंच का 13 वां राष्ट्रीय सम्मेलन 'आर.एल. ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीटयूशन, टी.वी.आर. नगर, अरूपुकोट्टई, मेन रोड़, मदुरै, तमिलनाडु -625022 में 'स्वदेशी भाव फिर जगे' गीत के साथ प्रातः 10 ः 00 बजे प्रारंभ हुआ. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरूण ओझा, मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक गण श्री सरोज मित्र, डाॅ. अश्वनी महाजन, प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी, श्री आर.सुन्दरम व राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल सहित उद्योगपति व मुख्य अतिथि श्री मुत्तु जी, स्वद. चिदम्बरम पिल्लै के पौत्र श्री चिदम्बरम जी, भारतीय मजदूर संघ से श्री पवन कुमार तथा विद्या भारती से श्री जे.आर. जगदीश ने दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का उद्घाटन किया.

उद्घाटन सत्रः श्री आर.सुन्दरम ने सभी अधिकारीगण एवं प्रतिनिधियों का मदुरै में सम्मेलन हेतु पधारने पर संक्षिप्त स्वागत एवं उद्बोधन किया. आयोजन समिति के प्रमुख श्री सतीश कुमार ने इस सम्मेलन की भूमिका व भारत में स्वदेशी अभियान की आवश्यकता के बारे में बताया. श्री दीपक शर्मा 'प्रदीप' (अ.भा. प्रचार प्रमुख) ने प्रचार विभाग की सूचनाएं तथा जानकारियां देते हुए बताया कि स्वदेशी जागरण मंच के इस सम्मेलन का सोशल मीडिया पर लाईव प्रसारण हो रहा है.

श्री चिदम्बरमः मुख्य अतिथि ने अपना व्याख्यान हिन्दी , तमिल व अंग्रेजी भाषा में दिया. उन्होंने कहा मेरे दादाजी स्व. चिम्बरम पिल्ले ने 1906 में पहला स्टीमर जहाज चलाया था. वे गंगाधर तिलक को अपना गुरू मानते थे. पिल्लै जी वकील और यूनियन लीडर थे. उन्हें भारत का पहला स्वदेशी जहाजरानी निर्माता भी कहा जाता है.

श्री मुत्तु जीः जो तिलों के तेल के उत्पादक '' इदीएम (हृदय) बांड '' के मालिक ने बताया कि हमनें तिलों के तेल के विषय में न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग किया, बल्कि निर्यात भी किया है. हम सालाना 7000 करोड़ का टर्नओवर कर रहे है, इससे रोजगार व समृद्धि का स्वदेशी प्रयत्न सफल हो रहा है.
श्री अजय पत्कीः अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख श्री अजय पत्की जी ने स्वदेशी की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला. उन्होंने स्वदेशी के सफल अभियानों व संघर्ष यात्रा से प्रतिनिधियों को परिचित कराया. 1993 के स्वदेशी संपर्क अभियान से लेकर इस वर्ष रोजगार पर हुई मुंबई की गोष्ठी तक का स्वदेशी जागरण मंच का इतिहास बताया. मंच के प्रथम संयोजक डाॅ. मा.गो. बोकरे द्वारा लिखित 'हिन्दू इक्नोमिक्स', अमरीकी कंपनी एनराॅन की बिजली परियोजना का विरोध, मछुवारों की रक्षा हेतु हुई सागर यात्रा, डब्ल्यूटीओ में मंच के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति, खुदरा व्यापारियों की सुरक्षा हेतु हुए जुटान, जीएम फसलों को विरोध, चाईनीज वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान के बारे में विस्तार से बताया.

श्री अरूण ओझा ने वर्ष भर की मंच की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. जिसमें रोजगार, पर्यावरण व परिवार विषयों पर हुए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, विचार वर्गों की जानकारियां व ई-काॅमर्स - फ्लिपकार्ट-वालमार्ट डील पर विरोध आदि के बारे में अवगत कराया. उन्होंने आगे कहा कि हमें कृषि, बेरोजगारी, चिकित्सा व पर्यावरण का विचार करते हुए विकास के ढांचे को बदलना होगा. भारतवर्ष के पास इस स्थायी विकास के माॅडल का पुराना अनुभव है.

श्री श्री रविशंकर महाराजः श्री श्री रविशंकर जी महाराज व मंच पर उपस्थित अधिकारीगणों द्वारा तीन पुस्तकों (स्वदेशी विकास यात्रा, आरसीईपी व विश्व व्यापार युद्ध) का विमोचन हुआ, उसके बाद उन्होंने प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने अपने आशीर्वाद भाषण में कहा कि भारत में विविधता में एकता है. संपूर्ण भारत व दुनिया के कई देशों में 'ऊं नमः शिवायः' गूंजता है. हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए. आज संस्कृतिक गुलामी से मुक्त होने की आवश्यकता है. भारत विश्व गुरू बनेगा. आज हमारे योग को दुनिया में सम्मान मिला है. महंगा हो तो भी हमें स्वदेशी वस्तु की खरीदनी चाहिए.

कार्यवृत्तः विभिन्न प्रांतों के प्रांत संयोजकों, प्रमुखों ने अपने-अपने प्रांत की वर्ष भर में हुई गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी. उन सबके अनुसार देश भर में सभी 25 प्रांतों व लगभग 400 जिलों में स्वदेशी जागरण मंच की ईकाईयां सक्रिय है. अधिकांश प्रांतों में विचार वर्ग, स्वदेशी सप्ताह (25 सितंबर -2 अक्टूबर), स्वदेशी दिवस-बाबू गेनू बलिदान दिवस (12 दिसंबर) के कार्यक्रमांे का आयोजन होता है. इस वर्ष 10 नवंबर को दिल्ली में हुए राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्मदिवस पर हुई भव्य नागरिक गोष्ठी विशेष उल्लेखनीय है. जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत जी का विशेष रूप से मार्गदर्शन हुआ. इसी तरह ओडिसा में नदियों पर हुई गोष्ठियां भी विशेष चर्चा में रही. 'तब खादी-अब खाद' विषय पर भी अनेक स्थानों पर कार्यक्रम हुए. पर्यावरण व परिवार पर देश भर में बैठकें, कार्यक्रम व गोष्ठियां हुई.

रोजगार विषय पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम / गोष्ठियां हुई. विशेष रूप से चण्डीगढ़, उदयपुर, दिल्ली व मुंबई में उपकुलपतियों सहित कृषि व उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने भारत में रोजगार वृद्धि पर चिंतन, मंथन किया. हरियाणा में सभी 22 जिलों में जिला सम्मेलन आयोजित किये गये. इसके अलावा झारखंड, ओडिसा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा में भव्य स्वदेशी मेलों को आयोजन भी संपन्न हुआ. स्टार्ट-अप व लघु ऋण वितरण की गतिविधियां भी अनेक प्रांतों में चल रही है व बढ़ रही है. कुल मिलाकर प्रत्येक प्रांत में कुछ न कुछ विशेष कार्यक्रम आयोजित किये है. इसके अतिरिक्त भी स्वदेशी विकास यात्रा, रोजगार व स्वदेशी पथ, मुक्त व्यापार समझौता (त्ब्म्च्) व विश्व व्यापार युद्ध पर लघु पुस्तिकाओं के प्रकाशन की जानकारी भी कार्यवृत्त में आयी.


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पारित प्रस्तावः 1. घुसपैठ का देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव - श्री अमलान कुसुम घोष ने अंग्रेजी व श्री मनोज कुमार सिंह ने हिन्दी में वाचन किया.
2. भारत के हित में नहीं है आरसीईपी (16 देशों का मुक्त व्यापार समझौता) - डाॅ. अशुतोष ने अंग्रेजी व डाॅ. अश्वनी महाजन ने हिन्दी में वाचन किया.
3. सरकार लाए एक मजबूत ई-काॅमर्स नीति - डाॅ. राघवेंद्र चंदेल ने हिन्दी में वाचन किया.
4. स्वदेशी विकास माॅडल ही समाधान - श्री महादेवय्या ने अंग्रेजी व श्री अनंदा शंकर पाणीग्रही ने हिन्दी में वाचन किया.

अखिल भारतीय विचार वर्गः इस वर्ष देश में 5 विभिन्न स्थानों पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय विचार वर्ग संपन्न हुए. जिसमें देश भर से इन विचार वर्गों में 779 कार्यकर्ता उपस्थित हुए तथा सभी विचार वर्गों में मंच के अखिल भारतीय पदाधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. उत्तर क्षेत्र व राजस्थान का वर्ग कुरूक्षेत्र (हरियाणा), उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड का वर्ग शहाजहांपुर, मध्य व पश्चिम क्षेत्र का वर्ग दुर्ग (छत्तीसगढ़), पूर्व का वर्ग तारापीठ (प.बंगाल) में संपन्न हुआ.

इस वर्ष संघर्ष वाहिनी की अ.भा. बैठक जयपुर (राज.) में संपन्न हुई, जिसमें 14 राज्यों के 98 कार्यकर्ता उपस्थित हुए.

विचार विभाग की अ.भा. बैठक मुंबई के यशवंत भवन में हुई, जिसमें 18 प्रंातों से 55 कार्यकर्ता सहभागी हुए.

प्रांतशः बैठकें - सभी प्रातों की 18 जनवरी की रात्रि में बैठकें हुई. जिनमें परिचय, पंजीकरण, आवास व्यवस्था के अतिरिक्त प्रांत में हुए कार्यक्रमांे की आपस में जानकारी की गई. इसके अतिक्ति स्वदेशी पत्रिका की सदस्यता, साहित्य बिक्री व आगामी प्रांत की योजना के भी सुझाव लिये गये. केंद्रीय पदाधिकारी विभिन्न प्रांतों की बैठकों में उपस्थित रहे.

समानान्तर सत्र - इस सम्मेलन में एक सत्र समानान्तर सत्र का रहा, जिनमें 5 विषय रहे.
1. देशी चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य पर श्री अरूण ओझा व डाॅ. बलदेव ने हमारी देशी चिकित्सा का उपयोग व महंगी होती चिकित्सा व्यवस्था से मुक्ति के विषयों पर चिंतन किया.
2. वर्तमान के वैश्विक, आर्थिक मुद्दे पर प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी ने इस समय देश व दुनिया की आर्थिक परिस्थिति पर कार्यकर्ताओं से विस्तार से चर्चा की.
3. कृषि विषय पर श्री सतीश कुमार व श्री मोहन गांववासी ने चर्चा प्रारंभ की. कैसे कृषि को लाभ का विषय बना सकते है व शून्य बजट प्राकृतिक खेती, जैविक खेती तथा विषमुक्त खेती कैसे बनें, इस पर सबके अच्छे सुझाव आये.
4. महिला एवं परिवार पर श्रीमति अमिता पत्की ने घर परिवार में स्वदेशी का प्रचलन कैसे बढ़े, इस पर चर्चा की.
5. स्टार्ट-अप एवं स्किल डवलपमेंट पर डाॅ. अश्वनी महाजन व श्री कमलजीत ने गत एक वर्ष में हुए प्रयोग
तथा भविष्य में इसके महत्व पर सभी कार्यकर्ताओं से चर्चा की.

स्वदेशी संदेश यात्राः सम्मेलन के दूसरे दिन मदुरै नगर में एक भव्य स्वदेशी संदेश रैली का आयोजन हुआ. जिसमें सभी प्रांतों के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने प्रांतों के बैनर व झंडे लेकर लगभग 2 किमी. लंबी यात्रा की. जिसका समापन वहां पर एक सार्वजनिक सभा में हुआ. जिसमें तमिलनाडू के स्थानीय लोगों ने भी अच्छी संख्या में सहभागिता की. इस सभा में तमिल टीवी कलाकार रंगराज पांडे ने हिन्दी व तमिल में भाषण कर समा बांध दिया. इसके अतिरिक्त झारखंड की बहन मधुमति, मजदूर संघ के श्री पवन कुमार, मंच के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री दीपक शर्मा 'प्रदीप', मंच के सहसंयोजक प्रो. बी.एम. कुमारस्वामी, श्री आर.सुन्दरम व अखिल भारतीय संघर्षवाहिनी प्रमुख अनन्दा शंकर पाणीग्रही ने संबोधित किया.

रात्रि में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया.



विशेष व्याख्यानः तीन विषयों पर विशेष उद्बोधन हुआ - 1. मंच के अ.भा. सहसंयोजक प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि विश्व निर्माण में हमारा हिस्सा 2.1 प्रतिशत है, जबकि आबादी में 17.6 प्रतिशत है. वहीं जापान का हिस्सा 10 प्रतिशत है, जबकि विश्व आबादी में केवल 1.6 प्रतिशत है. हमें इंडस्ट्री ग्रोथ के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी बढ़ाना होगा. दूसरा विषय डाॅ. अश्वनी महाजन का आर्थिक मुद्दों पर सरकार से संवाद का था, जिसमें उन्होंने ई-काॅमर्स, विनिवेश, आर.सी.ई.पी. (मुक्त व्यापार समझौते), डिफोर्टिफिकेशन के बारे में विस्तार से बताया. तीसरा विषय श्री सतीश कुमार का था, जिसका विषय-'दत्तोपंत ठेंगड़ीः व्यक्तित्व एवं कृतित्व 'था. उन्होंने उनके जीवन के विभिन्न पहलूओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कम्युनिस्टों का मुखर विरोध करते हुए भी व्यक्तिगत संबंध उनसे बहुत अच्छे बनाए रखे.

इसके अतिरिक्त डाॅ. अमिता पत्की ने पर्यावरण, श्री नागरत्नम नायडू ने कृषि में सफल प्रयोग, श्री योगानंद काले ने स्वदेशी आंदोलन की पूर्व व भावी दिशा पर उद्बोधन किया.

संगठनात्मकः मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल ने 20 जनवरी 2019 को संगठनात्मक पहलूओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी जिलों में स्वदेशी की इकाई स्थापित करने का आग्रह किया. इसके अलावा उन्होंने विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में चल रही गतिविधियों व उनकी नेटवर्किंग की जानकारी भी दी व इसे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. तीनों विषय रोजगार, पर्यावरण व परिवार इस वर्ष भी अपने प्रमुख विषय रहेंगे. उन्होंने 15 फरवरी से 15 मार्च तक अपने-अपने प्रांत व जिलों में संपर्क अभियान लेने की योजना करने का कहा, जिसमें विदेशी-स्वदेशी सामान की सूचि का वितरण अवश्य हो. इसके अलावा आगामी वर्ष में 10 नवंबर 2019 से 2020 तक श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की जन्मशताब्दी पर व्याख्यान माला व अन्य कार्यक्रमों को लेने का भी सुझाव दिया. उनका साहित्य पढ़ने, यूटयूब पर भाषण सुनने व अन्य तरीके से दत्तोपंत जी के जीवन व विचार को समझने का कार्यकर्ताओं को आग्रह किया.

आगामी कार्यक्रम - संगठनात्मक सत्र में श्री कश्मीरी लाल ने निम्नलिखित आगामी कार्यक्रमों की जानकारी प्रस्तुत की-
1. 15 फरवरी से 15 मार्च - संपर्क अभियान
2. कार्यसमिति बैठक - 30-31 मार्च 2019 (दिल्ली स्वदेशी कार्यालय)
3. राष्ट्रीय परिषद बैठक - 8-9 जून, पुणे (महाराष्ट्र)
4. स्वदेशी सप्ताह - 25 सितंबर से 2 अक्टूबर
5. श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्मशताब्दी कार्यक्रम - 10 नवंबर से प्रारंभ
6. 12 दिसंबर - बाबू गेनू बलिदान दिवस (स्वदेशी दिवस)

नई नियुक्तियां - राष्ट्रीय संयोजक श्री अरूण ओझा ने निम्नलिखित नई नियुक्तियों एवं दायित्वों की जानकारी दी-
अखिल भारतीय दायित्व: 1. श्री अजय पत्की- अ.भा. सहसंयोजक, 2. श्री सतीश कुमार- अ.भा. विचार विभाग प्रमुख व उत्तर क्षेत्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश संगठक (पूर्ववत), 3. डाॅ. राजकुमार चतुर्वेदी- अ.भा. सहविचार विभाग प्रमुख, 4. श्री कमलजीत- अ.भा. सह संपर्क प्रमुख व दिल्ली हरियाणा संगठक (पूर्ववत), 5. श्री वंदेशंकर- अ.भा. सह संघर्षवाहिनी प्रमुख, 6. श्री सरोज मित्र- अब वे कंेद्रीय कार्यालय व अर्थ विषयों में मार्गदर्शन करेंगे.

क्षेत्रीय दायित्वः उत्तर क्षेत्रः सह क्षेत्र संयोजक - डाॅ. राजकुमार मित्तल स राजस्थान के तीन प्रांत रहेंगे, राजस्थान क्षेत्र संयोजक- डाॅ. धर्मेंद्र दुबे स म.प्र. के तीन प्रांत रहेंगे, मध्य क्षेत्र संयोजक- डाॅ. राघवेन्द्र सिंह चंदेल (पूर्ववत).

प्रांतीय दायित्वः तमिलनाडू -1. श्री आदिशेषन- प्रांत संयोजक, 2. श्री चन्द्रन- प्रचार प्रमुख, 3. श्रीमित उमा मुरूगन- महिला प्रमुख, 4. श्री श्रीधरन- चैन्नई विभाग संयोजक, 5. श्री राजा जी- मदुरै विभाग संयोजक, 6. पूमारन- मदुरै सहविभाग संयोजक

कर्नाटक - 1. श्री महादेवेय्या- राष्ट्रीय परिषद सदस्य , 2. श्री विजय कृष्णा- सह प्रांत संयोजक, 3. प्रो. सत्यनारायण- सह-प्रांत विचार प्रमुख, 4. श्री बाबू जी - प्रांत कोष प्रमुख एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य

तेलंगाना - 1. श्री नागरत्नम नायडू- सह प्रांत संयोजक, 2. श्री सुरेश- रा.प. सदस्य

महाराष्ट्र - महाराष्ट्र को चार प्रांतों में विभाजित किया गया -
1. विदर्भ- प्रांत संयोजक-श्री शिरीश तारे, 2. देवगिरी- प्रांत संयोजक-श्री प्रताप मूले, 3. पश्चिम महाराष्ट्र- प्रांत संयोजक-श्री सुहास यादव

गुजरात - श्री चैतन्य भट्ट-सह प्रांत संयोजक

मध्य प्रदेश - म.प्र. को 3 प्रांतों में विभाजित किया गया - 1. महाकौशल - सह प्रांत संयोजक-श्री चंद्रमोहन साहू, 2. मध्य भारत - प्रांत संयोजक-श्री अरूषेंद्र शर्मा, सह प्रांत संयोजक- श्री अखिलेश तिवारी व श्री बाबूराम जी, 3. मालवा - प्रांत सहसंयोजक- श्री सुरेश बिचैलिया व श्री हरिओम जी

राजस्थान - अब तीन प्रांत होंगे व राजस्थान क्षेत्र कहलायेगा। 1. चित्तौड़ प्रांत - प्रांत संयोजक-श्री सतीश आचार्य, प्रांत सहसंयोजक-श्री भगवती जगेटिया, 2. जोधपुर प्रांत - प्रांत संयोजक-श्री अनिल वर्मा, प्रांत सहसंयोजक- श्री प्रमोद पालीवाल व श्री अनिल शर्मा, 3. जयपुर प्रांत - प्रांत संयोजक-डाॅ. शंकर लाल, प्रांत संहसंयोजक- श्री सुरेश खंडेलवाल, सहप्रांत संयोजक-श्री सुदेश सैनी।

हिमाचल प्रदेश - श्री गौतम कश्यप-प्रांत सहसंयोजक

हरियाणा - 1. प्रो. सोमनाथ सचदेव-सह प्रांत संयोजक, 2. श्री संजय सूरा-सह प्रांत संयोजक।

दिल्ली - श्री विकास चैधरी-सह प्रांत संयोजक

प.उ.प्र. - श्री लवकुश मिश्रा-सह प्रांत संयोजक

उत्तराखंड - श्री मोहन गाववासी- रा.प. सदस्य

उड़ीसा - 1. श्री आशुतोष मुखर्जी- रा.प. सदस्य, 2. श्री मनोरंजन राउत- प्रांत संघर्षवाहिनी प्रमुख

बिहार - दो प्रांत रहेंगे- 1. उत्तर बिहार- प्रांत संयोजक-श्री विजय सिंह, 2. दक्षिण बिहार- प्रांत संयोजक-श्री यदुनंदन प्रसाद

प.बंगाल - 1. श्रीमति वाणी सरकार- रा.प. सदस्य व प्रांत महिला प्रमुख, 2. श्री अमिय सरकार- रा.प. सदस्य

समारोपः 20 जनवरी को समारोप में सभी कार्यकर्ताओं की योजना की जानकारी देने के बाद राष्ट्रीय संयोजक श्री अरूण ओझा ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आगामी दिनों में अपने राष्ट्रीय कर्तव्य का निर्वहन करने हेतु प्रबल जनजागरण करें। उन्होंने कहा कि अब विश्व में हवा उल्टी बहने लगी है। सीमा खोलने की बात करने वाले अब सीमाएं बंद करने मंे लगे हैं। निर्यात आधारित चीनी अर्थव्यवस्था के विकास की रूदन कथा लिखी जाने वाली है। अब अमरीका, यूरोप में स्वदेशी चलने लगा है। पश्चिम का सूरज डूब रहा है। शीघ्र ही दुनिया में स्वदेशी दृष्टिकोण का बदलाव आने वाला है।

वन्देमातरम् गान के साथ ही तेरहवां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हो गया।

सादर।

भवदीय

सतीश कुमार 
अ.भा. विचार विभाग प्रमुख
संगठकः उत्तर क्षेत्र, राजस्थान व मध्य प्रदेश

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